पद्मश्री डॉ. मीनाक्षी जैन
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उन्होंने प्राचीन मंदिरों पर भी गहन शोध करके कई पुस्तकें लिखी हैं। हाल ही मेंप्रकाशित पुस्तक 'फ्लाइट ऑफ डिटिज एंड रिबर्थ ऑफ टेम्पल्स' में उन्होंने बताया है कि जब मंदिरों पर हमले होते थे, तो वहां के पुजारी, आम श्रद्धालु और अन्य लोग मिलकर देव प्रतिमाओं को बचाने के लिए संघर्ष करते थे। मन्दिर चूंकि विशाल होता था और उसे बचाया नहीं जा सकता था इसलिए लोग देव प्रतिमाओं को बचाने का प्रयास करते थे। मीनाक्षी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी की उपाधि ली है। वे इन दिनों भारतीय समाज विज्ञान शोध परिषद् में वरिष्ठ अध्येता हैं। साहित्य एवं शिक्षा में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हए उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया जा रहा है।
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