पद्मश्री मुन्ना मास्टर
राजस्थान की राजधानी जयपुर के समीप एक गांव है बगरू। इसी गांव के रहने वाले हैं 61 वर्षीय मुन्ना मास्टर, जो मुस्लिम हैं। उनके परिवार के चभषणा लोग दशकों से राम-कृष्ण के भजन गाते हैं।
मुन्ना मास्टर भी परिवार की इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वे देशभर के अनेक मंदिरों में भजन गाते हैं। उन्होंने 'श्री श्याम सुरभि वंदना' नाम से एक पुस्तक भी लिखी है। इन सबके बावजूद वे पांच वक्त नमाज पढ़ते हैं। मुन्ना को संस्कृत भाषा की भी अच्छी जानकारी है। वे एक गोशाला भी चलाते हैं। वे कहते हैं कि गोमाता की सेवा के कारण यह सम्मान मिला है।
मुन्ना मास्टर भी परिवार की इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वे देशभर के अनेक मंदिरों में भजन गाते हैं। उन्होंने 'श्री श्याम सुरभि वंदना' नाम से एक पुस्तक भी लिखी है। इन सबके बावजूद वे पांच वक्त नमाज पढ़ते हैं। मुन्ना को संस्कृत भाषा की भी अच्छी जानकारी है। वे एक गोशाला भी चलाते हैं। वे कहते हैं कि गोमाता की सेवा के कारण यह सम्मान मिला है।
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