पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा की घटनाएँ आम बात हो चुकी हैं. हर दिन उन्हें धार्मिक हिंसा का शिकार होना पड़ता है. पाकिस्तान में इस तरह की घटनाओं को संयुक्त राष्ट्र ने भी स्वीकार किया है. संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार के उल्लंघन पर पाकिस्तान को घेरा भी.
जिनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैश्लेट ने कहा कि पाक में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लगातार हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. उनके धर्मस्थलों पर बार-बार हमले हो रहे हैं. बैश्लेट ने पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईशनिंदा कानून के प्रावधानों में संशोधन करने में पाकिस्तान सरकार असफल है और सरकार की असफलता का परिणाम धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हिंसा है.
जिनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैश्लेट ने कहा कि पाक में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लगातार हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. उनके धर्मस्थलों पर बार-बार हमले हो रहे हैं. बैश्लेट ने पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईशनिंदा कानून के प्रावधानों में संशोधन करने में पाकिस्तान सरकार असफल है और सरकार की असफलता का परिणाम धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हिंसा है.
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