देश के उपराष्ट्रपति एम.
वकैया नायडू ने कहा कि मातृभाषा को रोजगार के साथ जोड़ना होगा, तभी लोग उसे
अपनाएंगे. लोग अपनी मातृभाषा का प्रयोग करना चाहते है लेकिन उसमे रोजगार न होने की
वजह से उन्हें विदेशी भाषा का सहारा लेना पड़ता है. गुरूवार को मानव विकास मंत्रालय
की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर
में कम से कम ४० फीसदी आबादी को उस भाषा में शिक्षा नहीं मिलती, जिसे वह बोलते या
समझाते हैं. भारतीय भाषाएँ जनता को करीब ला सकती हैं. किसी भी देश के सांस्कृतिक
जीवन को आकर उस देश की मातृभाषा ही देती है. यह एक अदृश्य अहम डोर है जो अतीत को
वर्तमान से जोडती है.
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